दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में अचानक से आए एक टर्निंग प्वाइंट ने आंदोलन की दिशा और दशा बदल दी है. बदली हुई परिस्थियों में एक चेहरा चमका है, उसका नाम है- राकेश टिकैत. राकेश टिकैत ने कमजोर हो चुके आंदोलन को ना सिर्फ नई मजबूती दी है बल्कि आंदोलन के केंद्र को सिंधु बॉर्डर से गाजीपुर बॉर्डर शिफ्ट कर दिया है.. ऐसे में सवाल यही हैं कि तीन दर्जन से ज्यादा किसान संगठनों के संयुक्त मोर्चा में राकेश टिकैत कैसे हासिल की बढ़त? टिकैट अचानक कैसे बने किसानों के नेता नंबर-वन? देखें स्पेशल रिपोर्ट, श्वेता सिंह के साथ.