चाल, चरित्र और चेहरे की दुहाई देने वाली बीजेपी सत्ता की दहलीज पर आते ही समझौते पर उतर आई. गोपाल कांडा को मंत्री बनाने की खबर जैसे ही आगे बढी बीजेपी नैतिकता के मोरचे पर बुरी तरह घिर गई. शुचिता और संस्कार पर सवाल उठने लगे तो बीजेपी ने साफ कह दिया कि कांडा को मंत्रिपद बनाने का कोई प्लान नहीं है.