यूं तो भारतीय सेना हर तरह से खास है लेकिन कुमाऊं रेजीमेंट का इतिहास नायाब है. एक तरफ है 225 साल का कुमाऊं इतिहास दूसरी तरफ है लगभग 50 साल का नागा का युवा जोश. दोनों जब एक साथ आते हैं, इस रेजिमेंटल सेंटर में इनकी ट्रेनिंग होती है तो उभर कर आता है हिंदुस्तान का वो वीर सपूत जिसपर देश को गर्व है. कुमाऊं रेजिमेंट की शुरुआत तो आज़ादी पूर्व हुई लेकिन नागा रेजिमेंट हिंदुस्तान का सबसे नया रेजिमेंट है. नागाओं को इतना खूंखार माना जाता है कि इनके कूच से पहले रणभूमि में इनका रुतबा पहुंच जाता है. इन्हें हेड हंटर्स कहा जाता है. यानि ऐसे योद्धा जो लड़ाई का अंत दुश्मन का सर उतारकर ही करते हैं. आज भी इनकी तैनाती के साथ ही हाहाकार मच जाता है. नई रेजिमेंट होने के नाते इनके दो ही बटालियन हैं. करगिल युद्ध में दोनों को ही मोर्चे पर उतारा गया था. देखें खास कार्यक्रम, श्वेता सिंह के साथ.