आसमान से कई बार पानी नहीं, बल्कि आफत और मौत भी बरसती है. पानी कैसे कहर बन कर टूट सकती है जिंदगी पर, इसका एहसास वही कर सकता है, जिसने करीब से देखा हो सैलाब और इस सैलाब में फंसी जान. जिसके पास उम्मीद का एक तिनका तक नहीं हो.