बीएचयू की छात्राओं ने हक की आवाज उठाई थी. छेड़खानी की शिकायत की थी, शोहदों से सुरक्षा मांगी थी, सीसीटीवी लगाने की फरियाद की थी, लेकिन हक की आवाज उठाने के बदले में उन्हें मिलीं पुलिस की लाठियां. बीएचयू की बेटियों पर अत्याचार की आग अब पूरे देश में फैल चुकी है. सवाल फिर उठा है कि बेटी बचाएं या बेटी पढ़ाएं.