भारत के कड़े रुख ने चीन के होश ठिकाने लगा दिए हैं. 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झ़ड़प के बाद भारत जब चीन के साथ बैठक की टेबल पर बैठा तो साफ-साफ अपनी शर्तें रख दीं. साफ कह दिया कि 5 मई से पहले एलएसी पर जहां थे, वहां जाओ. संदेश ये भी कि शांति की जिम्मेदारी सिर्फ हमारी नहीं है. ये बदले हुए हिंदुस्तान की आवाज है, जिससे चीन की नींदें उड़ी हुई हैं. कुछ दिन पहले भारत ने लेह लद्दाख में लड़ाकू विमानों की तैनाती कर दी, एयरचीफ मार्शल ने लेह एयरबेस का दौरा किया. अब आर्मी चीफ एमएम नरवणे दो दिन के दौरे पर लेह पहुंचे हैं. वहीं राजनाथ सिंह की रूस यात्रा चीन की टेंशन बढ़ा रही है. देखिए स्पेशल रिपोर्ट.