ऐसा लगता है कि कुदरत के निशाने पर कश्मीर है. फिर बहाना मौसम का बन रहा है और आफतों का सिलसिला सा चल रहा है. बाढ़ के 6 महीने पुराने जख्म अभी भरे हैं, सैलाब फिर से खौफ बनकर डरा रहा है.