महज 23 साल की उम्र थी उस जांबाज की और जज्बा था देश की आन पर मर मिटने का. जीवन का फलसफा भी था कि जिंदगी बड़ी होनी चाहिए, लंबी नहीं. कैप्टन कपिल कुंडू नाम का वो जांबाज दुश्मन से लोहा लेते हुए शहीद हो गया. अपने इकलौते सपूत के बलिदान पर मां बोली-और भी बेटे होते तो उन्हें फौज में ही भेजती.