स्पेशल रिपोर्ट में देखिए कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का शराबबंदी से जुड़ा प्रयोग कैसे बुरा सपना बन कर रह गया लगता है. बिहार में शराबबंदी को एक साल पूरा होने के बाद इंडिया टुडे ने जमीनी हकीकत की जांच की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. तहकीकात से सामने आया कि तस्करी से लाई जाने वाली शराब का बड़ा ब्लैक मार्केट राज्य में खड़ा हो गया है. ड्राई स्टेट होने के बावजूद नशीले पदार्थों का सेवन धड़ल्ले से हो रहा है.तहकीकात के नतीजे पर संक्षेप में कहे तो, बिहार का हश्र भी 'उड़ता पंजाब' जैसा होता दिखाई दे रहा है. यहां शराबबंदी ने नशे के कई नए द्वार खोल दिए हैं. नेपाल बॉर्डर से महज दो किलोमीटर की दूरी पर रक्सौल के टैक्सी स्टैंड सुबोध कुमार खाने-पीने के सामान का खोखा चलाता है. लेकिन वो इंडिया टुडे के अंडर कवर रिपोर्टर से मिला तो उसने अपनी अलग तरह की ही पहचान बताई.