उसकी मौत को तीन साल हो गए लेकिन उसका वजूद मिटा नहीं. ये दिलचस्प दास्तां है हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा के एक तिब्बती बौद्ध धर्म गुरु की जिनकी मौत तीन साल पहले यानी 2005 में ही हो गई थी.