अक्टूबर 1962 में चीन ने भारत पर आक्रमण किया. उस वक्त भारत के पास पर्याप्त सेना और हथियार नहीं थे. मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व में 120 जवान 16000 फीट ऊंचाई पर मुस्तैदी से डटे रहे. मेजर शैतान सिंह के साथ उनके सभी जवानों ने आखिरी सांस तक लड़ने का संकल्प लिया.