भारतीय सेना की ऐसी एक टुकड़ी है, जिसे जीत का जश्न मनाना नहीं आता, बलिदान उसके लिए उत्सव है, अभिमान की पगड़ी सजाए, कड़ा कलाई में लगाए, आदर्शों की राह पर सवार ये भारत के संत सिपाही हैं. चिड़ियों से मैं बाज लड़ाऊं वाले सिद्धांत को जीने वाले मां भारती के ये वीर सपूत दुश्मनों को हमेशा खटकते हैं. बात सिख रेजीमेंट के जवानों की हो रही है. इस रेजीमेंट के हर सिपाही के मन में ऐसा जोश होता है, जो सवा लाख पर भारी पड़ जाए. ये वो योद्धा हैं, जिन्होंने आजाद हिंदुस्तान के सफर पर पहला कदम बढ़ाया था. देखिए वंदे मातरम का ये खास कार्यक्रम, श्वेता सिंह के साथ.