सच कहूं तो अच्छा नहीं लगता है. संत जैसे शब्द जिसके साथ जुड़े हों...लाखों भक्तों की भावनाएं और आस्थाएं जिसमें हों...उसके बारे में ऐसी बातें हों. पर क्या करें..... जब संत ही झूठ बोलने लगे तो फिर क्या शर्म और क्या शिकायत?