वो पेड़ पे बैठा था. आप मंच पे. वो पेड़ से नहीं उतरा. आप मंच से नहीं उतरे. फर्क ये कि वो दुनिया छोड़ गया और आप सब इंसानियत छोड़ गए. और अब उसी गजेंद्र की मौत पर सारे नेता बोल रहे हैं. खूब बोल रहे हैं. पर फिर आखिर में ये भी कह रहे हैं कि इस मौत पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. अब अपने नेताओं से कोई पूछे कि फिर राजनीति कर कौन रहा है?
Vardaat on Farmer Gajendra Suicide and dirty politics on his death