11 साल की मासूम उम्र में ही वो एक क़त्ल की चश्मदीद बन गई. उसने अपने ही घर में अपनी ही आंखों के सामने अपनी मां का क़त्ल होते देखा. उसने देखा कि कैसे उसकी मां को मारा जा रहा है. और फिर उसी पल वो यतीम हो गई. मां की मौत के साथ ही उसने अपने बाप को भी खो दिया. जानते हैं क्यों?