पाकिस्तान की सत्ता पर अपनी पार्टी को क़ाबिज़ करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मियां नवाज़ शरीफ दस साल की जेल काटने लंदन से पाकिस्तान पहुंच जाते हैं. ये जानते हुए भी कि उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाएगा. और ऐसा ही होता है. अब मियां नवाज के जेल जाने का उन्हें कितना फायदा या नुकसना होता है. इमरान खान की पार्टी इसे चुनाव में कितना भुना पाती है. बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो की पार्टी की दावेदारी कितनी मजबूत होती है. या फिर इस उथल-पुथल का फायदा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हाफिज सईद कितना उठा पाता है.. इसी पर अब सबकी नज़र है. 25 जुलाई का चुनावी नतीजा ये तय करेगा कि पाकिस्तान कहीं आतंकिस्तान तो नहीं बन जाएगा. देखिए वारदात.