क्या आपने कभी सोचा है कि इंसाफ की देवी की आंखों पर पट्टी क्यों बंधी होती है? इसलिए नहीं कि कानून को अंधा बनाया जा सके. बल्कि इसलिए ताकि इंसाफ करते वक्त वो हरेक के साथ बराबरी कर सके. अपने-परायों में फर्क ना करे. पर जब 19 लंबे सालों बाद किसी को फकत छह महीने की सजा मिले और दस मिनट बाद जमानत, तो फिर सवाल उठना लाजमी है कि ये पट्टी सिर्फ इंसाफ की देवी की ही आंखों पर क्यों?