जिस शख्स पर हज़ारों लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की जिम्मेदारी हो, जिस पर सैकड़ों लोगों को इंसाफ दिलाने की जवाबदेही हो, अगर किसी रोज उसी के साथ नाइंसाफी हो जाए, तो क्या हो? बात करेंगे ऐसी ही एक पार्षद की, जिसकी उसी के घर में एक साल की मासूम बच्ची के साथ रहस्यमयी हालात में मौत हो गई. आखिर क्या हुआ दिल्ली की इस पार्षद के साथ? उसने खुदकुशी की या उसका कत्ल हुआ?