आजाद हिंदुस्तान के इतिहास में शायद ये अब तक का सबसे बड़ा फर्जी एनकाउंटर था. एक ऐसा फर्जी एनकाउंटर जो एक पुलिस अफसर ने किसी और को मारने के लिए नहीं बल्कि खुद अपने एक सीनियर पुलिस अफसर का कत्ल करने के लिए किया. और फिर उस एनकाउंटर को सही साबित करने के लिए उसने एक, दो नहीं बल्कि पूरे 12 बेगुनाहों को लाइन से खड़ा कर गोलियों से भून डाला. इस कत्लेआम के 31 साल बाद अब देश की अदालत ने अपना फैसला सुनाया है.