इस गांव का यही दस्तूर भी है या और यही तकदीर भी और जब-जब जिसने भी इस दस्तूर को तोड़ने की हिमाकत की बस यूं समझ लीजिए कि खुशियां हमेशा के लिए उससे रूठ गईं.