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इंकलाब की मशाल के आगे हुक्मरानों ने टेके घुटने

इंकलाब की मशाल के आगे हुक्मरानों ने टेके घुटने

कहने वाले कहते हैं कि भूखे पेट जंग नहीं लड़ी जाती, लेकिन गांधी के देश ने एक बार फिर दिखा दिया कि अहिंसा और अनशन से बड़ा दूसरा कोई हथियार ही नहीं है. आज वारदात में हम आपको दिखाएंगे कि जब-जब बापू के दिखाए रास्ते से इंकलाब की मशाल रोशन हुई है तब-तब कैसे दुनिया के बड़े से बड़े हुक्मरानों ने भी उसके आगे अपने घुटने टेक दिए.

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