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कुदरत के आगे बेबस इंसानी जिंदगी

कुदरत के आगे बेबस इंसानी जिंदगी

सदियों से क़ुदरत ने जब जब अपना तेवर बदला तो तबाही के ऐसे निशान छोड़े, जो एक पल में मिटा गए इंसान और इंसानी बस्तियों को. क़ुदरत के क़हर ने कई-कई बार अनगिनत ज़िन्दगियों को हमेशा के लिये ख़ामोश किया. मासूम और बेगुनाह क़ुदरती क़हर के आगे बेबस और लाचार नज़र आए.

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