ईमान की मशाल जलाने वालों की कौन करेगा रक्षा? आखिर कबतक भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वालों को मिलेगी मौत. इन्हीं सवालों से सरकार को झकझोरने को मंच पर आए थे अन्ना हजारे. साथ था उन लोगों का दर्द जिन्होंने ईमान की लड़ाई में अपने करीबियों को खोया है.