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फलक के बाद आफऱीन, नाम बदला पर किस्मत नहीं

फलक के बाद आफऱीन, नाम बदला पर किस्मत नहीं

अगर बच्चों की दुनिया ऐसी ही है तो फिर भला कौन बच्चा हमारी और आपकी इस दुनिया में बड़ा होना चाहेगा? पहले फलक थी अब आफऱीन. बस नाम बदला, किस्मत नहीं. जो खुद किसी बेटी की कोख से पैदा हुआ हो वही अपनी बेटी को सिर्फ इसलिए मार रहा है क्योंकि उसे बेटी नहीं बेटा चाहिए.

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