फिल्मों की चकाचौंध हर किसी को खींचती है. हर कोई टेलीविजन की चमक में खो जाना चाहता है. लेकिन सभी परदे पर छा नहीं जाते. कोई परदे के पीछे चला जाता है तो कोई परदे से बाहर हो जाता है और फिर एक ऐसा ना ख़त्म होने वाला सफ़र शुरू होता है. जो ना तो चमक-दमक वाला है और ना ही ग्लैमर से भरपूर. बल्कि ये है बेहद ही डर्टी पिक्चर.