यूं तो इक्कीसवीं सदी में मोहब्बत ने कई खूनी किस्से सुनाए हैं. लेकिन मोहब्बत की बिसात पर जो खूनी बाज़ी इस कहानी में खेली गई. उसका आगाज जितना खौफनाक है उसका अंजाम उससे भी ज्यादा भयानक. ये दो दिलजलों की वो दास्तान है जिसके मोहरे खून की शतरंज पर सजाए गए.