शोहरत हर किसी को अपनी ओर खींचती है. हर कोई ग्लैमर की चमक में बस खो जाना चाहता है, लेकिन सभी परदे पर छा नहीं जाते. कई ऐसे हैं जो परदे के पीछे चले जाते है तो कोई परदे से बाहर हो जाता है. यहीं से एक ऐसा ना ख़त्म होने वाला सफर शुरू होता है, जो अंधेरी गलियों में जाकर खत्म होता है.