कहते हैं कि फिल्में समाज का आइना होती हैं. यानी जो समाज में होता है वही पर्दे पर दिखाया जाता है. पर ये कहानी इसके ठीक उलट है. हमारे एक सीएम यानी चीफ मिनिस्टर साहब ने जो पर्दे पर हुआ उसे समाज में दोहराने का फैसला कर लिया. फिर क्या था इधर सीएम साहब का हुक्म आया उधर उनके सिंघम तैयार हो गए. पर इस चक्कर में वो सब कुछ हो गया जो नहीं होना चाहिए था.