करीब तीन सौ किलोमीटर का सफर तय कर मौत के सामान के साथ वो अंबाला तक पहुंच चुके थे. बस दो सौ किलोमीटर की दूरी और तय करनी थी, इसके बाद वो दिल्ली में होते और दिल्ली एक बार फिर दहल उठती. लेकिन इस बार उनके नापाक इरादे सफल नहीं हुए.