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अपराधी मर रहा था, पुलिस तमाशबीन बनी रही...

अपराधी मर रहा था, पुलिस तमाशबीन बनी रही...

किसी इंसान को मरते हुए देखकर दूसरे इंसान का फ़र्ज़ क्या बनता है? जबाव सीधा सा है, मरनेवाले की जान बचाना, लेकिन आपकी सारी सोच शायद धरी रह जाएगी. गोलियों से छलनी एक शख्स लम्हा-लम्हा मरता रहा और पुलिस उसे बचाने की बचाए उसकी आखिरी सांस तक उससे बस सवाल ही पूछती रही.

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