एक हीरोईन अपने मंगेतर के साथ मिलकर अपने दूसरे आशिक के तीन सौ टुकड़े बटोरती है और अदालत से उसे सज़ा मिलती है सिर्फ तीन साल जबकि तीन सौ टुकड़े करने वाले मंगेतर को गैर-इरादतन कत्ल का दोषी ठहराते हुए दस साल की सजा दी गई.