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बनासकांडा में 50 सालों से नहीं आई कोई बारात...

बनासकांडा में 50 सालों से नहीं आई कोई बारात...

शादी ना सिर्फ दो दिलों के मिलन का नाम है, बल्कि हमारे सभ्य समाज में रहने वाले लोगों की पीढ़ियों को आगे बढ़ाने का सामाजिक और कानूनी जरिया भी. पर जरा सोचिए कि आधी सदी गुजर जाए और पूरा का पूरा इलाका शहनाई से महरुम हो तो क्या कहेंगे आप? अब आप यकीन करें या ना करें पर हमारे देश में एक इलाका ऐसा है, जहां 50 बरस बाद लोगों ने बारात देखी है

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