ये जरुरी नहीं कि हर प्यार का अंजाम खुशनुमा ही हो. उस प्यार का अंजाम भी वैसा नहीं था जैसा होना चाहिए था. शायद वैसा हो भी नहीं सकता था, क्योंकि ये.. मोहब्बत की डर्टी पिक्चर थी. जिसकी बुनियाद ही धोखे और शक की ईंटों पर रखी गई थी.