छठी शताब्दी और आज 2011. करीब पंद्रह सौ साल का वक़्त गुजर चुका. इतने लंबे अरसे में तो यादों पर भी वक़्त की गर्द चढ़ जाती है, पर हम जिस राज़ की बात कर रहे हैं, वो पंद्रह सौ साल बाद भी जिंदा है. एक किला जो पहाड़ों पर सीना ताने खड़ा है. इस किले में रहस्य है. सन्नाटे को चीरती घुंघरुओं की चीख़ है. देखिए पूरी रिपोर्ट...