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अश्‍लील होते जा रहे हैं गेम...

अश्‍लील होते जा रहे हैं गेम...

वाकई इंसानी दिमाग और इंसानी सोच से ज्यादा खतरनाक चीज और कोई नहीं है. अब इस गेम को ही ले लीजिए. गेम यानी खेल और खेल यानी तफरीह. अब तक ये गेम वाकई तफऱीह के लिए ही था लेकिन अब अब कुछ लोगों ने इस गेम को उस जुर्म के साथ जोड़ दिया है जो हकीकत की दुनिया में अगर कोई कर बैठे तो उसकी सजा या तो मौत है या फिर उम्र कैद. पर कमाल देखिए कि इतने संगीन जुर्म और उस जुर्म के लिए इतनी कड़ी सज़ा होने के बावजूद ये गेम जारी है.

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