सिर्फ नाम पर मत जाइएगा, ये नाम किसी को भी ग़लतफहमी में डाल सकता है. लेकिन हां, मुक़दमा सच्चा है. एक 'किस' को कोर्ट के कटघरे में खड़ा होना पड़ा. एक 'किस' को इंसाफ के तराज़ू में तोला गया, सिर्फ ये जानने के लिए वो 'किस' किस हद तक पाक-साफ या अश्ललील था. पूरे 14 महीने तक इस 'किस' का मुक़दमा चला और फिर फैसला आया. जानिए कि 'किस' के इस मुकदमे में 'किस की' जीत हुई?