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एक तेंदुए के सामने सेना, 6 सेकंड में दागी 30 गोलियां...

एक तेंदुए के सामने सेना, 6 सेकंड में दागी 30 गोलियां...

दुनिया का शायद ही कोई ऐसा इंसान होगा जो किसी जानवर से इंसानों जैसे सुलूक की उम्मीद करे. और ठीक इसी तरह शायद दुनिया का कोई जानवर भी ये उम्मीद नहीं करता होगा कि खुद को सभ्य कहने वाला इंसान उसकी तरह जानवर बन जाए. अब जानवर तो इंसान नहीं बन पाया. पर हां इंसान जब-तब खुद को जानवर जरूर बना लेता है. अगर ऐसा ना होता तो छह सेकेंड में एक तेंदुआ तीस गोलियां ना खाता.

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