दिल्ली के अरबपति बिल्डर दीपक भारद्वाज के कत्ल से ठीक तीन दिन पहले एक महंत अपने बाल कटवाता है, दाढ़ी साफ कर लेता है और अपना हुलिया पूरी तरह से बदल देता है. इसके बाद जैसे ही दीपक भारद्वाज को गोली मारने वाले दोनों शूटर पकड़े जाते हैं, वो महंत अचानक गायब हो जाता है. इसके बाद शूटर अपना मुंह खोलता है और बताता है कि दीपक भारद्वाज की सुपारी महंत ने ही उसे दी थी. लेकिन महंत अकेला नहीं है, बल्कि उसके पीछे एक मैडम भी हैं, जो हमेशा महंत को हुक्म देती थीं...