16वीं लोकसभा की तस्वीर लगभग पूरी तरह साफ हो चुकी है. संसद भवन की 543 जिम्मेदार कुर्सियों पर कौन कौन बैठेगा इसका फैसला हो चुका है. नतीजों ने बहुतों को चौंकाया भी और कइयों को गलत भी साबित किया. लेकिन इस चुनाव ने बहुत से भाईलोग यानि बाहुबलियों को लोकतंत्र के मंदिर में घुसने का मौका दे दिया. नई लोकसभा के 543 सांसदों में से हर तीसरा सांसद दागी है.