सोचता हूं तो यकीन नहीं आता पर फिर देखता हूं तो यकीन करने को मजबूर हो जाता हूं. वर्दी के अंदर एक घायल शख्स बीच सड़क पर पड़ा पूरे आधे घंटे तक अपनी जिंदगी के लिए गिड़गिड़ाता रहता है. उसके इर्द-गिर्द इंसानों की पूरी भीड़ होती है. भीड़ में दो मंत्री भी होते हैं पर इसके बावजूद अपने ही जैसे एक इंसान की जान बचाने के लिए एक अदद इंसान के दो हाथ भी मदद के लए आगे नहीं बढ़ते.