संतों का चोला ओढ़ कर आसाराम हज़ारों लोगों के बीच अपने साधकों से जो बातें करते, वो सुनती तो पूरी दुनिया थी लेकिन समझते सिर्फ़ साधक ही थे क्योंकि ये बातचीत आसाराम के उस बेशर्म कोड लैंग्वेज पर टिकी होती थी, जिसके सहारे वो लड़कियों का शिकार किया करते. चाहे वो आसाराम के पुराने राज़दार हों या जोधपुर की पुलिस, आसाराम का ये सच अब एक-एक कर बाहर आता जा रहा है.