इंदौर में गुंडों के खिलाफ अभियान चलाते वक्त पुलिस खुद गुंडई करती नजर आई. अहम सवाल यह है कि कानून या इंसाफ के नाम पर पुलिस को क़ानून का तमाशा बनाने का हक किसने दिया.