16 दिसंबर की रात दस बज कर 21 मिनट पर पीसीआर को पहला फोन किया गया. दस बज कर 27 मिनट पर पीसीआर मौके पर पहुंच गई. और फिर गैंगरेप की शिकार लड़की और उसके दोस्त को दस बज कर 55 मिनट पर सफदरजंग अस्पताल पहुंचा दिया गया.यानी कुल वक्त लगा 44 मिनट. पर क्या यही सच है? क्योंकि उस रात के इकलौते चश्मदीद की मानें तो पुलिस का ये दावा झूठा है.