बगदाद यानी खुदा की नेमत... आठवीं सदी में जब इस शहर की खोज हुई तब यही नाम मिला था इस शहर को. इसके बाद अब्बासी खिलाफत की ये राजधानी बनी. फिर देखते ही देखते यह तिजारत और इस्लामी शिक्षा का केंद्र बन गई. अलादीन का चिराग और अली बाबा चालीस चोरों की कहानी भी यहीं जन्मीं. सच कहूं तो बगदाद... बगदादी के अलावा भी बहुत कुछ है.