जरा याद कीजिए तालिबान का वो क़हर. जो नौ साल पहले अफगानिस्तान के बामियान पर टूटा था. कट्टरवाद के नाम पर तालिबान ने तोप का मुंह हंसते-मुस्कुराते बुद्ध की मूर्तियों की तरफ घुमा दिया था. और तब पूरी दुनिया ने एक इतिहास को अपनी आंखों से मिटते देखा था. कहीं अफगानिस्तान का बामियान अब हिंदुस्तान में तो नहीं दोहराया जाने वाला?