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और एक झटके में कलम हो गए 3 सिर

और एक झटके में कलम हो गए 3 सिर

वो कभी गुमनाम ठिकानों पर बेगुनाह बंधकों का सिर क़लम करते हैं, कभी किसी दुश्मन को पिंजरे में बंद कर ज़िंदा जला देते हैं. लेकिन अब उन्होंने जो कुछ किया है, उसने अब तक की तमाम क्रूरता को पीछे छोड़ दिया है. क्योंकि ये है ख़ौफ़ की वो तस्वीर, जो किसी को भी दहला कर रख दे. इस बार सबकुछ हुआ है, एक भरे शहर के चौराहे के बीचों-बीच.

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