जल्लीकट्टू को जहां तमिलनाडु के लोग अपनी परंपरा बता रहे हैं. वहीं देश का सर्वोच्च न्यायालय इसे बैन कर चुका है. न्यायालय ने इसे दकियानूसी और जानवर के साथ हिंसा के तौर पर खारिज किया था.