तब दिल्ली में ना मेट्रो की रफ्तार थी, ना फ्लाइओवर की बाढ़. ना चमचमाता एयरपोर्ट ना दमकता रेलवे स्टेशन. पुरानी दिल्ली भी तब वैसी ही पुरानी ही थी और उसी पुरानी दिल्ली से उसे उठाया गया था. 14 साल बाद जब वो आजाद हुआ तो दिल्ली की सूरत ही नहीं पूरी दिल्ली बदल चुकी थी. ये कहानी है पुरानी दिल्ली के तेलीवाड़ा इलाके में रहने वाले 18 साल के आमिर की.