अगर शहर को चैन से सोना है तो कोतवाल का जागना ज़रूरी है. अगर कोतवाल ही सो जाए तो फिर शहर का क्या होगा? बस, दिल्ली आजकल इसी परेशानी से गुज़र रही है. जिस दिल्ली पुलिस की ज़िम्मेदारी दिल्लीवालों को गुंडों से बचाने की है, वो पुलिस खुद गुंडों को देखते ही भाग खड़ी होती है. कमाल है कमिश्नर साहब!