एक वक्त था जब वो साइकिल पर दूध बेचा करता था. फिर देखते ही देखते एक वक्त ऐसा आया कि उसके जहाज चलने लगे. उसके नाम से देश-विदेश में शहर बसने लगे. इंतेहा तो ये हुई कि वो समंदर के अंदर शीशे के घर बनाने लगा. वो हकीकत में जीता था, लेकिन कारोबार सपनों का था. सपना कई करोड़ लोगों को करोड़पति बनाने का, लेकिन सब धोखा.